लखनऊ गर्ल केस: अब उन पुलिस वालों पर भी भ्रष्टाचार का चार्ज लगेगा जिन्होंने ड्राइवर से दस हज़ार रुपये लिए।
लखनऊ में रोड क्रॉसिंग पर एक महिला द्वारा सार्वजनिक रूप से पीटे जाने वाले कैब चालक के उत्पीड़न के विवाद के मद्देनजर कृष्णा नगर थाने के पूर्व प्रभारी निरीक्षक और दो उप निरीक्षकों पर भ्रष्टाचार विरोधी आरोपों के तहत मामला दर्ज किए जाने की संभावना है।
ड्राइवर ने पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था और दावा किया था कि उसे पुलिस स्टेशन से अपनी कैब छुड़ाने के लिए ₹ 10,000 का भुगतान करने के लिए कहा गया था।
जांच की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि कैब चालक ने थाने से अपनी कैब छुड़ाने के लिए उससे लिए गए पैसे का जिक्र किया था। अब इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के आरोप शामिल किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि शुरुआत में केवल उस महिला के खिलाफ आरोप लगाए गए थे जिसने बिना किसी उकसावे के कैब चालक की कथित तौर पर पिटाई की थी।
उन्होंने कहा कि मामले की जांच बंथरा थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह को स्थानांतरित कर दी गई है, जिन्हें कृष्णा नगर के पूर्व निरीक्षक महेश चंद्र दुबे और दो उप-निरीक्षकों के खिलाफ भ्रष्टाचार को शामिल करने का निर्देश दिया गया था, यदि कैब द्वारा 10,000 रुपये का भुगतान करने का आरोप लगाया गया था। चालक सही पाया गया।
दुबे को बुधवार को कृष्णानगर थाने के प्रभारी निरीक्षक के पद से हटा दिया गया है. पूरी घटना में उनकी लापरवाही पाए जाने पर उन्हें द्वितीय अधिकारी मन्नान व भोला खेड़ा थाना चौकी प्रभारी हरेंद्र सिंह के साथ रिजर्व पुलिस लाइन भेज दिया गया.
महिला के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के दो दिन बाद पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हुई।
(हिंदुस्तान टाइम्स इनपुट के साथ)