Constitution Day: संविधान में PM मोदी की गहरी आस्था… 50 साल पूरे होने पर 1999 में हाथ से खत लिखकर पूछा था ये सवाल
Constitution Day: 26 नवंबर को 1949 में संविधान सभा की ओर से भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में 2015 से हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है।

Constitution Day: भारतीय संविधान दिवस (Constitution Day) के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हैंडराइटिंग में लिखी एक चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल है। खत 1999 का है, जब संविधान के 50 साल पूरे होने के मौके पर नरेंद्र मोदी ने लिखा था।
नरेंद्र मोदी ने 23 साल पहले अपनी चिट्ठी में लिखा था, ‘संविधान के 50 वर्ष पूरे हो गए हैं। इस बात पर राष्ट्रव्यापी चर्चा की आवश्यकता है कि क्या हमारे कर्तव्य या हमारे अधिकार राष्ट्र को आगे ले जा सकते हैं? अगली सदी में राष्ट्र-निर्माण एक जन आंदोलन कैसे बन सकता है?
मोदी आर्काइव नाम के ट्विटर हैंडल पर मौजूद है चिट्ठी
संविधान दिवस के अवसर पर मोदी आर्काइव नाम के ट्विटर हैंडल पर पीएम मोदी की ये चिट्ठी मौजूद है जिसे उन्होंने 1999 में अपनी हैंडराइटिंग में लिखा था। इस ट्विटर हैंडल पर अन्य कई मौके पर पीएम मोदी की संविधान में गहरी आस्था को दिखाने वाली जानकारियां भी साझा की गई हैं।
2009 यानी संविधान के 60 साल पूरे होने पर गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी ने 2010 में संविधान गौरव यात्रा का आयोजन किया था। गुजरात के सुरेंद्रनगर में एक ऐतिहासिक जुलूस निकाला गया था। यात्रा में एक हाथी के ऊपर भारतीय संविधान की एक विशाल प्रतिकृति रखी गई थी।
संविधान के 62 साल पूरे होने के मौके पर 2011 में नरेंद्र मोदी ने भारत के संविधान का एक गुजराती संस्करण जारी किया था जिसका नाम ‘भारत नू संविधान’ था। मोदी का मानना था कि भारतीय संविधान को स्थानीय भाषा में प्रकाशित करने से लोगों को देश के कानूनों को बेहतर ढंग से समझने और इसकी अंतर्निहित भावना को व्यक्त करने में मदद मिलेगी।
संविधान के 65 साल पूरे होने पर 2015 में पीएम मोदी ने भारतीय संविधान के सम्मान में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने की घोषणा की थी। नरेंद्र मोदी 2019 में जब दोबारा प्रधानमंत्री बने तब उन्होंने अपना दूसरा कार्यकाल संभालने से पहले संसद के सेंट्रल हॉल में संविधान को नमन किया था।
संविधान दिवस 2022 समारोह में शामिल हुए पीएम मोदी
शनिवार को पीएम मोदी सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस 2022 के जश्न में शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “संविधान की प्रस्तावना के पहले तीन शब्द – ‘वी द पीपल’ सिर्फ शब्द नहीं हैं… यह एक आह्वान है, एक संकल्प है, एक विश्वास है। आज दुनिया हमारी ओर बड़ी उम्मीदों के साथ देख रही है।” उन्होंने कहा कि आज हमारा देश अपनी तमाम विविधताओं पर गर्व करते हुए पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ रहा है और इसके पीछे हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारा संविधान है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें लोकतंत्र की मां के रूप में भारत की पहचान को मजबूत करना है। हमारे संविधान की भावना ‘युवा केंद्रित’ है। आज संविधान दिवस पर मैं देश की न्यायपालिका से भी एक अनुरोध करूंगा कि बहस और चर्चा को बढ़ाया जाना चाहिए। युवाओं में संविधान के प्रति समझ बढ़ाएं।
बता दें कि 26 नवंबर को 1949 में संविधान सभा की ओर से भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में 2015 से हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। इससे पहले, इस दिन को कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था।